Friday, October 21, 2011
Monday, July 4, 2011
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
वस्तु अमोलिक, दी मेरे सतगुरु, किरपा करि अपनायो ।
जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो ।
खरचै न खूटै, जाको चोर न लूटै, दिन दिन बढ़त सवायो ।
सत की नाव, खेवटिया सतगुरु, भवसागर तर आयो ।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, हरष हरष जस गायो ।
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में
जो सुख पाऊँ राम भजन में
सो सुख नाहिं अमीरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ॥
भला बुरा सब का सुन लीजै
कर गुजरान गरीबी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ॥
आखिर यह तन छार मिलेगा
कहाँ फिरत मग़रूरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ॥
प्रेम नगर में रहनी हमारी
साहिब मिले सबूरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ॥
कहत कबीर सुनो भयी साधो
साहिब मिले सबूरी में
मन लाग्यो मेरो यार फ़कीरी में ॥
Monday, June 27, 2011
दोस्तों के साथ पुणे में
अखिलेश्वर दुबे पुणे में कल्पेश के शाथ
Thursday, June 23, 2011
चमचे का कमाल (एक हास्य-व्यंग्य कविता)
आजकल चमचों का धंधा बड़े जोरों पर चल रहा है,
चमचों से चाहे जो , जैसा भी काम करवाईए,
यही तो प्रजातन्त्र का कमाल है ,
कभी खुद चमचे बनते हैं,या किसी को बनाते हैं,
चमचों की जरूरत क्या नेता को ही होती है ?
प्रधान-मंत्री से मंत्री तक सब चमचे पाल रहे हैं ,
तू डाकुओं का बाप है-हुल्लड़ मुरादाबादी
गीत सूखे पर लिखे थे, बाढ़ में सब बह गए
भूख, महगाई, गरीबी इश्क मुझसे कर रहीं थीं
एक होती तो निभाता, तीनो मुझपर मर रही थीं
मच्छर, खटमल और चूहे घर मेरे मेहमान थे
मैं भी भूखा और भूखे ये मेरे भगवान् थे
रात को कुछ चोर आए, सोचकर चकरा गए
हर तरफ़ चूहे ही चूहे, देखकर घबरा गए
कुछ नहीं जब मिल सका तो भाव में बहने लगे
और चूहों की तरह ही दुम दबा भगने लगे
हमने तब लाईट जलाई, डायरी ले पिल पड़े
चार कविता, पाँच मुक्तक, गीत दस हमने पढे
चोर क्या करते बेचारे उनको भी सुनने पड़े
रो रहे थे चोर सारे, भाव में बहने लगे
एक सौ का नोट देकर इस तरह कहने लगे
कवि है तू करुण-रस का, हम जो पहले जान जाते
सच बतायें दुम दबाकर दूर से ही भाग जाते
अतिथि को कविता सुनाना, ये भयंकर पाप है
हम तो केवल चोर हैं, तू डाकुओं का बाप है
वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी....
Wednesday, June 22, 2011
वो बारिश की बूंदें..!
टकटकी लगाए आसमां की ओर
न जाने किन ख्यालों में खोया था
पत्तों के सिरहाने पे सिर टिकाए
तारों के बीच कुछ ढूंढ़ रहा था !!!
आंखों में नमी और दिल में शायद
कुछ टीस रहा हो
मैंने यूं ही पूछ डाला उससे
आज गुमसुम-से क्यूं हो ?
लड़खड़ाती आवाज में उसने कहा
बादलों ने हवाओं से दोस्ती कर ली है !!!
मैंने पूछा क्या फर्क पड़ता है ?
उसने कहा
सूखती जमीं पे मेरा बरसना
तन्हाई की इक रात में
बाहों में सजना
कोई आके भला मुझसे भी पूछे
क्यूं दरख्तों की आड़ में
रह-रहकर सिसकना !!!
तबस्सुम की पलकों पे उजली चादर ओढे़
जब आसमां ने ज़मीं से सवाल किया कि
सौंधी खुशबू को किसने जन्म दिया ?
जर्रे-जर्रे से आवाज आई
वो बारिश की बूंदें……!
Tuesday, June 21, 2011
सत्य मेव जयते
Saturday, June 18, 2011
Friday, June 17, 2011
हमारे मूल कर्तव्य
(क) संविधान का पालन करे और उस के आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे ;
(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उन का पालन करे;
(ग) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे;
(घ) देश की रक्षा करे और आह्वान करने किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे;
(ङ) भारत के सभई लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है;
(च) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उस का परिरक्षण करे;
(छ) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिस के अंतर्गत वन, झील नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उस का संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे;
(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;
(झ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे;
(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिस से राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को छू ले;
(ट) यदि माता-पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्थिति, बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा का अवसर प्रदान करे।
सावधान
Don't put your mobile closer to your ears until the recipient answers, Because directly after dialing, the mobile phone would use it's maximum signaling power, which is: 2watts = 33dbi। Please Be Careful. Please use left ear while using cell (mobile), because if you use the right one it may affect brain directly. This is a true fact from Apollo medical team.
कोल्ड ड्रिंक ना पियें
1) Do not drink APPY FIZZ . It contains cancer causing agent.2) Don't eat Mentos before or after drinking Coke or Pepsi coz the person will die immediately as the mixture becomes cyanide. Please fwd to whom u
केयरध्यान रहे कुरकुरे हानिकारक हैं
Don't eat kurkure because it contains high amount of plastic if U don't Believe burn kurkure n u can see plastic melting. Please forward to all!!!!!!!!!!! News report from Times of
इंडियाये दवाईया स्वास्थय के लिए हानिकारक हैं
Avoid these tablets as they are very dangerous* D cold* Vicks action- 500* Actified* Coldarin* Co some* Nice* Nimulid* Cetrizet-DThey contain Phenyl- Propanol -Amide PPA।Which Causes strokes, and these tablets are banned in U.S॥
कोटनबड
cotton Ear Buds... (Must read it) Please do not show sympathy to people selling buds on roadside or at Signals..... Just wanted to warn you people not to buy those packs of ear buds you get at the roadside। It's made from cotton that has already been used in hospitals। They take all the dirty, blood and pus filled cotton, wash it, bleach it and use it to make ear buds। So, unless you want to become the first person in the world to get Herpes Zoster Oticus (a viral infection of the inner, middle, and external ear) of the ear and that too from a cotton bud, DON'T BUY THEM!
महिलाओं के लिए टिप्स
२- यदि घर में चींटियाँ आ गई हों तो उन्हें भागने के लिए , उनके उप्पर हल्दी पाउडर छिड़क दें ।
३- यदि आपकी वाशिंग मशीन चलते वक्त हिलती हो तो उसके निचे रेगमाल (sand paper ) लगा दें।
४- पुरानी दवाईयों को फेंके नही बल्कि उनका पाउडर बनाकर फूलों के गमले में दाल दें।
५- तुंरत मिल्क शेक बनने के लिए ठंडे दूध में मनपसंद फ्रूट जेम की तीन चम्मच मिलाकर मिक्सी में चलालें।
६- घर के दरवाजे यदि आवाज करतें हो तो उनके कब्जों में मख्खन लगा सकते हैं।
७- कद्दू के जूस में यदि गोल्ड साफ किया जाए तो वे चमक उठेंगे ।
८- बेसन को पानी में घोलकर उसमे किचन के काले पीले कपड़े ४५ मिनट तक भिगायें, साफ़ हो जायेंगे।
९- जब एल्बम में फोटो पुरानी हो जाए तो पेट्रोल में हलके भीगे कपड़े से साफ कर दें।
१०- यदि पापड को लंबे समय के लिए ताजा रखना है तो बर्तन में कुछ मेथी दाने भी रख दें।
लेख - यात्रा पर जाने से पाहिले
यात्रा पर जाने से पहले
यात्रा का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है . यात्रा के दौरान हम नई नई जगह देखते हैं, वहां के रीतिरिवाज, खान पान , और उनकी भाषा के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते है.
यदि यात्रा विदेश कि है तो हमें दूसरे देश के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं. जो हमारे लिए अद्भुत होता है.
यात्रा के दौरान हमें बहुत सी सावधानिया बरतनी चाहिए क्योंकि अनजान जगह और अनजान लोगों के बीच कुछ भी घटना घट सकती है .
यात्रा का इंतजाम
यात्रा पर जाने से पहले यह सुनिश्चित करले कि यात्रा देश कि है या विदेश कि और फिर उस जगह के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करलें. आजकल पर्यटन विभाग आपकी मदद को तैयार रहता है. यदि आप ट्रेवेल एजेंट के माध्यम से जा रहे हैं तो ट्रवेल एजेंट से पूरी जानकारी ले लें. रूपयों का पूरा बंदोबस्त जरुर रखे. यदि देश में यात्रा कर रहे हैं तो एटीएम कार्ड से ही पैसे निकाले क्योंकि एटीएम कार्ड होने से पैसे ज्यादा नहीं ले जाने पड़ते हैं. रेल, होटल, टैक्सी और जरुरी चिजों का रिजेर्वेशन पहले से ही करा लें और उनसे कन्फर्म अवश्य कर लें.
चेक लिस्ट
- यात्रा पर जाने से पहले नीचे लिखी बातों को जरूर ध्यान में रखें. जरूरी चीजों कि लिस्ट पर ध्यान दें. जैसे :
- वीजा
- पासपोर्ट
- जरूरी दवाइयां जो आप ले रहे हों और जो सफर के लिए उपयोगी हो जैसे हाजमे कि गोलिया, एस्प्रिन, इत्यादि
- मछर भागने कि मशीन और अगरबत्ती.
- रेल, होटल और टेक्सी रिजेर्वेशन इत्यादि कि सूचि
- जरूरी कागज़ात
- नकदी और एटीएम कार्ड
- यात्रा गाइड बुक
- घर अच्छी तरह से लोक करें
- पडोसी को बता कर जाएँ और अपना फोन नंबर जरूर दें
- अखबार बंद करा दें
- अपने बैग और पर्स में अपना नाम और पता जरूर लिखें.
- अपने बैग कि निशनी जरूर बनायें जिससे आप अपना बैग आसानी से पहचान सकें.
व्याक्तिगत सामान
- शर्ट, पेंट, कोट, ब्लाउज, पेटीकोट, साड़ी, टावेल, रूमाल, अंदरूनी वस्त्रों और अन्य सामान अवश्यकता के अनुसार अवस्य रख लें.
- जूते, चप्पल, मौजे और पालिश जरूर रख लें .
- कास्मेटिक्स, टूथब्रश, पेस्ट, क्रीम, तेल भी रख लें.
- मोबाइल, कैमरा, चार्जर, बेटरी, पेन ड्राइव इत्यादि भी रख लें .
- पर्स में एमरजेंसी नंबर अवश्य रखे.
खाने पीने का सामान
- नमकीन, बिस्कुट, सूप के पैकेट और जो जरूरी ho
- विटामिन्स
- कोल्ड ड्रिंक्स
- डिब्बा बंद खाना, जूस के पैकेट
यदि आप अपनी कार से यात्रा कर रहे हो तो
- गाडी के सारे कागज़
- पेट्रोल, हवा, स्टेपनी, मार्ग का नक्शा और गाइड बुक
- पीने का पानी, टोर्च, गर्मी है तो आईस बाक्स
यात्रा के दौरान क्या करें
- जहाँ कि भी यात्रा करें वहां के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और पूरा आनंद लें.
व्यक्ति विशेष कि फोटो लेने से पहले इजाजत जरूर ले लें. - फोटोग्राफी जरूर करें और एक कागज़ में पूरी जानकारी जरूर लिखें. यदि आप अपना ब्लॉग लिखतें हैं तो उसमे पूरा यात्रा व्रत्रांत जरूर लिखे.
- फ़ालतू खर्चों से बचे और वहाँ कि मशहूर चीज अवश्य लाएं.
- हमारा जीवन भी एक यात्रा है जिस तरह हम अपने जीवन को खूबसूरत तरीके से जीते हैं वैसे ही यात्रा को भी जीवन का ही एक अंग समझे और भरपूर आनंद लें.
- यदि आप ऐतिहासिक जगह देख रहे हैं तो उस जगह कि पूरी जानकारी जरूर लें इससे आपका ज्ञान भी बढ़ेगा और आप को गर्व होगा कि आपने एतिहासिक जगह देखी है .
प्रिय मित्रों यात्रा एक सुखद एहसास है यदि आप पूरी योजना के साथ और मनोरंजन के साथ इसमें ज्ञान भी जोड़ लें तो आपकी यात्रा एक यादगार बन सकती है. आपकी यात्रा सुखद हो ..... अनुभव जरूर लिखे .....
जागो ग्राहक जागो - व्यंग
किसी दूसरी को अपनी कमाई का १०% देने पर १००% सुख मिलता है...
पैसा आपका ... फैसला आपका .. . जागो ग्राहक जागो !!!
२. " आदमी शादी के पहले superman शादी के बाद gentleman एक साल के
बाद watchman और कई सालों के बाद - अपने ही जाल में फंसा spiderman .
3. लाइफ में हमेशा हँसते रहो,मुस्कराते रहो, गाते रहो, गुनगुनाते रहो...ताकि तुम्हे
देख कर ही लोग समझ जाये की तुम... "खुश हो.
4. पत्नी - अगर मैं खो गयी तो तुम क्या करोगे? पति : मैं टीवी और अखबार में विज्ञापन दूंगा की जहा कहीं भी हो.....खुश रहो
5. पत्नी - मैं तुम्हारी याद में २ दिन में ही आधी हो गयी हूँ, मुझे लेने कब आ रहे हो? पति : २ दिन और रुक जाओ.
६. एक अखबार में शादी का विज्ञापन"पत्नी चाहिए"जबाब में १००० जबाब आये थे - लिखा था" मेरी ले जा...!"''मेरी ले जा...!''
कहानिया
केशव कि माँ लोगो के बर्तन मांज कर किसी तरह पेट पालने के साथ अपने बच्चे को पढ़ा रही थी. अक्सर उसकी माँ को घरों से बचा हुआ या जूठन और पुराने कपडे मिल जाया करते थे. किसी तरह से उनका काम चल जाता था. लेकिन किशोर केशव के मन में बड़े सवाल उठा करते थे.. जैसे हम गरीब क्यों हैं. हमे जूठन क्यों खाने को मिलती है. लोग धनवान क्यों होते है इत्यादि .. जैसे जैसे वह बड़ा हो रहा थे उतने ही बड़े उसके सवाल होते जा रहे थे. वह अक्सर सोचता था पढ़ लिखकर भी वह क्या बनेगा.. मालिक तो बनने से तो रहा. रहेगा तो नौकर ही.आज उसका मन स्कूल जाने को नहीं था. फिर भी वह अनमने मन से वह स्कूल चला गया. उसके पड़ोस में बाँध का काम चल रहा था. झुग्गी के कुछ बच्चे बाँध में काम करते थे . उनके घरों में टी.वी. इत्यादि सभी थे. उसका मन भी काम करके पैसे कमाने को हो रहा था.आज उसने उसने स्कूल से लौटते वक्त यह निर्णय ले लिया था कि अब वह स्कूल नहीं पढ़ेगा. वह भी काम करके पैसे कमाएगा और अपनी माँ को आराम देगा.. उसके मन में लोगों कि बची जूठन घूम रही थी.‘ माँ आज से तुम काम नहीं करोगी और हम आज से किसी कि जूठन भी नहीं खायेंगे’ उसने अपनी माँ को अपना निर्णय सुनाया तो उसको माँ को आश्चार्य हुआ कि आज केशव को क्या हो गया.‘लेकिन बेटा तू करेगा क्या” माँ के इस जबाब से केशव बोला “ माँ आज से में भे बाँध में काम करूँगा और रात को पढाई करूँगा”अगली सुबह को केशव पुरे उत्साह के साथ बाँध पर काम के लिए चल पढ़ा.
कर्त्तव्य
दिल्ली कि बस अपनी रफ़्तार से चल रही थी. कन्डक्टर हर स्टॉप पर सवारियों को बताते जाता कि कौनसा स्टॉप आने वाला है और साथ ही सबको यह भी बताता कि बिना टिकट यात्रा करना कानूनन अपराध है. उसको काम में व्यस्त देखते हुए मैंने उत्सुकतावस् उससे पूछ ही लिया “ भाई साहब आप अपना काम बड़ी इमानदारी से करते हो .. दिल्ली कि और बसों में तो कन्डक्टर पूछने पर ही बताता है वह भी नखरे के साथ” वह मुस्कुराया और बोला “श्रीमान मुझे नहीं मालूम कि और क्या करते हैं लेकिन यह मेरा कर्त्तव्य है कि मुझे अपनी सवारियों का पूरा ध्यान रखना चाहिए उन्हें मेरी गाडी में किसी भी प्रकार कि तकलीफ नहीं होनी चाहिए क्योंकि सरकार मुझे इसी बात का वेतन देती है” उसका जबाब सुनकर मुझे बड़ी खुशी हुई. में सोचने लगा काश भारत का हर नागरिक उसकी तरह अपने कर्तव्यों का पालन करे तो कितना अच्छा हो.
कटु सत्य
मनुली मेरे घर पर झाड पोंछे का काम करती थी. वह अक्सर अपने ५ साल को लड़की को अपना काम बटाने के लिए लाया करती थी. मुझे उसकी लड़की पर बड़ा तरस आता थी कि इसकी तो स्कूल जाने कि उम्र ही और वह उससे अभी से काम कराने लगी .. एक दिन मैंने मनुली से कहा “मनुली तू इस बच्चे को स्कूल क्यों नहीं भर्ती करा देती पढ़ लिख जायेगी”“ अरे दीदी स्कूल पढके ये तो निकम्मी और नाकारा हो जायेगी. बड़ी बड़ी बातें करेगी जो हमारी समझ के बहार होगी “ मनुली ने मुह बिचकाकर कहा.श्याद मनुली को मेरी बात अच्छी नहीं लगी, मुझे गुस्सा भी बहुत आया को लोग अपने बच्चो को पढाने के लिए क्या क्या नहीं करते और ये है कि लगता कि पागल हो गयी हँ. खैर निर्णय तो उसी को लेना है.एक दिन मैंने उसको फिर समझाने कि कोशिश कि “देख ये पढेगी लिखेगी तो इसे अच्छी नौकरी मिल सकती है किसी बड़ी पोस्ट पर भी जा सकती है तुम्हारे कुल का नाम रोशन कर सकती है”उसने बात काटते हुए कहा “ रहने दो दीदी आपकी बड़ी लड़की ने भी तो एम्.ए. किया है उसे आज तक नौकरी नहीं मिली ऊपर से आप को उसकी शादी के लिए कोई पढ़ा लिखा लड़का भी तो नहीं मिल रहा है . आप तो बड़े लोग हैं दहेज दे कर शादी भी कर देंगे लेकिन हम लोग कहाँ से ये सब कर पायेंगे” उसने मन का सारा गुबार निकाल फेंका.मैं एकदम निरुत्तर हो गई थी क्योंकि मेरे पास इन सबका कोई जबाब नहीं था ....
तनख्वा
पत्नी ने बड़े प्यार से रसोईघर से आवाज लगाईं.“सुनो जी आज शाम डिन्नर में क्या खाना पसंद करेंगे” पति कि निगाह दिवार पर टके हुए कलेंडर पर गई. उसकी आँखों के आगे महीने का आखिरी अंक मुह चिढा रहा था. अरे तनख्वा मिलने में अभी एक दिन और बाकी है और जेब......पति ने मन मसोसते हुए कहा“प्रिये...सुनो बहुत दिन से खिचडी नहीं खाई है चलो आज खिचड़ी एन्जॉय करते हैं”
मजदूरी और टिप
शहर का मशहूर नेता के बेटे कि शादी थी. बेंड बाजे बज रहे थे.मैंने एक बेंड बजाने वाले से मजाक में पुछा “भाई क्या बात है नेता जी के बेटे कि शादी तो तुम जोर शोर से बेंड बजा रहा हो. और कहीं होते हो तो भागने कि लगी रहती है” वो बोला “शाब जोश तो आ जाएगा ना क्योंकि मजदूरी के साथ टिप, पीने को दारु और लजीज खाना जो खाने को मिलेगा.”
प्यार और पैसा
“अरे मेनका तुमने अपने प्रेमी राजेश को छोड़कर उस बुड्ढे से शादी कर ली जो तुम्हे फूटी आँख नहीं सुहाता था और उम्र में भी तुमसे दुगना है” मैंने आश्चर्यचकित होकर पुछा क्योंकि मुझे मालूम था कि राजेश और मेनका एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे. .मेनका कुछ पल रुकी. लंबी सी सिगरेट से एक बड़ा सा कश लिया और लंबा सा धूंआ छोडती हुई मदहोशी कि हालत में बोली “रमेश जिंदगी कि गाडी पैसे से चलती है प्यार से नहीं .. समझे ”मुझे अब सब कुछ समझ में आ गया था कि पैसे बिना प्यार फिजूल है.
चेकिंग
मेरी गाडी खराब हो गई थी मैंने तुरंत टेक्सी ली.. आज ऑफिस जल्दी पहुंचना था.अचानक पुलिस वाले ने मेरी टेक्सी को हाथ देकर रोका “ए भाई गाडी साइड में करले और कागज़ निकाल” में बुदबुदाया “अरे यार फिर देर में देर”टेक्सी वाला बोला “साब फिकर नाट ये तो रोज ही मिलते हैं”टेक्सी वाले झट से १०० का नोट एक कागज़ के अंदर रखा और बोला “जनाब ये रहे गाडी के कागज़”पुलिस वाले ने १०० का नोट जेब में सरकाया और बोला “ तू बहुत समझदार है कागज़ पूरे रखता है... अरे भाई इसको जाने दो.. इसके कागज पूरे हैं”
कला
“अंधे को कुछ दे दो बाबा भगवान भली करेगा” एक अंधा भिकारी लाल बत्ती पर भीख मांग रहा था उस भिखारी को देखते ही मेरी चौकने कि बारी थी. अरे कल तो ये लंगड़ा होकर भीख मांग रहा था आज यह अंधा कैसे हो गया. मुझे रहा नहीं गया मैंने उससे पुछा “अरे कल तो तुम लंगड़े थे आज अंधा कैसे हो गए”“साहिब ये को हमारी भीख मांगने कि कला है भीक के लिए हमे नित नए भेष बदलने ही पड़ते हैं” यह कह कर वह तुरंत वहां से गायब हो गया...
दारु का जुगाड
एक मजदूर कि कार से टक्कर हो गई .. भीड़ इक्कठी हो गई . कर वाले को रोका गया. भीड़ में से किसी ने मजदूर से पुछा “भाई कहीं चोट तो नहीं लगी” “लगी तो बहुत है इलाज में भी खर्चा बहुत आएगा लेकिन आप चार लोग जो दिला दें मुझे वही मंजूर है” मजदूर ने भीड़ को देखते हुए अपना दाव् फेंका.भीड़ अब कारवाले के पीछे लग गई. कोई बोला १००० दिला दो कोई १५०० कि बोलने लगा . आखिर १२०० से मामला तय हो गया.कार वाले ने तुरंत पीछा छुड़ाने के लिए तुरंत १२०० निकले और सॉरी कहते हुए चला गया.मजदूरों ने सभी का धन्याद किया और थोड़ी दूर लंगडाने का नाटक करते हुए नुक्कड़ से तेज तेज क़दमों से दारु के ठेके कि ओर जाने लगा और बुदबुदाया “हे प्रभु तेरा बहुत बहुत धन्यवाद आज तो तूने अंग्रेजी का जुगाड कर दिया”
स्वर्ग कि देवी
बड़े दिनों के बाद गले मिलते हुए दोस्त ने अपने पुराने दोस्त से पुछा. “भैया भाभीजी कैसी हैं ?”दूसरे दोस्त ने झट से कहा “अरे यार तुम्हारी भाभी तो स्वर्ग कि देवी है अच्छा अब आप बताओ हमारी भाभी कैसी हैं”पहले वाला दोस्त गंभीर होकर बोला “यार अभी तक खून पीने के लिए जिन्दा है”
हाजमा
बड़े बड़े व्यापारियों को पार्टी चल रही थी. पत्रकार भी बुलाए गए थे. एक निर्भीक पत्रकार के एक व्यापारी से पुछा “श्रीमान आप मिलावट क्यों करते हैं” व्यापारी भी हाजिर जवाबी था उसने कहा “यदि हम मिलावट नहीं करेंगे तो नेताओं का हाजमा खराब नहीं हो जाएगा भैया मेरे जनता से तो हम निपट लेंगे”नेता एक बार फिर जनता और व्यापारी दोनों पर भारी पड़ गया.
Saturday, May 21, 2011
जीवन कि कुछ बातें
मै जिन्दगी के उस पड़ाव पर आ गया हूँ जहा आकर हर आदमी कि जिन्दगी फिर से शुरू हो जाती है मतलब कहने का ये है कि मेरी शादी २२ फेब्रुअरी २०११ को सेमरहा गाँव कि एक लड़की पूजा से हो गया वो दिखने में बहुत ही अच्छी है गोरी भी है और वो दूसरो को रेस्पेक्ट भी देती है परिवार में सभी उससे बहुत खुश है । और हाँ दोस्तों मै एक कंस्ट्रक्सन कंपनी में काम करता हूँ स्टोर इंचार्ज के पद पर सैलरी भी अच्छी है । मेरे घर में मेरे पापा, मम्मी, भाई, बहिन, है और मेरे गाँव में २ चाचा चची और उनके बच्चें है परिवार में मै अपनी पीढी में सबसे बड़ा हूँ इसलिए सब लो इज्ज़त भी करते है । मेरे पिताजी आई आई टी बॉम्बे में काम करते है मेरा भाई इलेक्ट्रानिक इंजिनियर है ।
कुछ पल जिन्दगी के
Tuesday, May 17, 2011
Monday, May 16, 2011
हो लाल मेरी पत रखियो
हो हो हो
हो लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण
ओ लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण
सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
हो लाल मेरी -२
चार चराग़ तेरे बरण हमेशा -३
पंजवा मैं बारण आई बला झूले लालण
हो पंजवा मैं
पंजवा मैं बारण आई बला झूले लालण
सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
हो लाल मेरी -२
हिंद सिंद पीरा तेरी नौबत बाजे -३
नाल बजे घड़ियाल बला झूले लालण
हो नाल बजे
नाल बजे घड़ियाल बला झूले लालण
सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
हो लाल मेरी -२
ओ हो
हर दम पीरा तेरी ख़ैर होवे -३
नाम-ए-अली बेड़ा पार लगा झूले लालण
हो नाम-ए-अली
नाम-ए-अली बेड़ा पार लगा झूले लालण
सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
हो लाल मेरी -२
हो लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण
सिंदड़ी दा सेवण दा
सखी शाह बाज़ कलन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दम दम दे अन्दर
दमादम मस्त कलन्दर
अली दा पैला न.म्बर
Thursday, March 24, 2011
भैंस चालीसा (Bhains Chalisa)
महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस
फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस
अक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकारा
कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे
अक्ल घास जब चरने जाये- हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा लालू खायो- निज घरवारि सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ- बीवी को सी.एम. बनवाओ
मोटी अकल मन्दमति होई- मोटी भैंस दूध अति होई
अकल इश्क़ कर कर के रोये- भैंस का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल घूमे- एस.एम.एस. पा पा के झूमे
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे- कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
भैंस कभी सिगरेट ना पीती- भैंस बिना दारू के जीती
भैंस कभी ना पान चबाये - ना ही इसको ड्रग्स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी- भैंस हमारी कितनी प्यारी
अकलमन्द को कोई ना जाने- भैंस को सारा जग पहचाने
जाकी अकल मे गोबर होये- सो इन्सान पटक सर रोये
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस मरे तो बनते जूते- अकल मरे तो पङते जूते
गुलशन की फक़त फूलों से नहीं काटों से भी ज़ीनत होती है
ऐ वाइज़-ए-नादां करता है तू एक क़यामत का चर्चा,यहाँ रोज़ निगाहें मिलती हैं यहाँ रोज़ क़यामत होती है.
वो पुर्शिश-ए-गम को आए हैं कुछ कह ना सकूँ चुप रह ना सकूँ,खामोश रहूं तो मुश्किल है कह दूं तो शिकायत होती है.
करना ही पड़ेगा ज़ब्त-ए-अलम पीने ही पड़ेंगे ये आँसू,फरियाद-ओ-फूग़ान से ऐ नादां तौहीन-ए-मोहब्बत होती है.
जो आके रुके दामन पे ‘सबा’ वो अश्क़ नहीं है पानी है,जो अश्क़ ना छल्के आँखों से उस अश्क़ की कीमत होती है.
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
जाना किसका ज़िक्र है इस अफ़साने मेंदर्द मज़े लेता है जो दुहराने में
शाम के साये बालिस्तों से नापे हैंचाँद ने कितनी देर लगा दी आने में
रात गुज़रते शायद थोड़ा वक्त लगेज़रा सी धूप दे उन्हें मेरे पैमाने में
दिल पर दस्तक देने ये कौन आया हैकिसकी आहट सुनता है वीराने मे ।
Zindagi yun hui basar tanha
अपने साये से चौंक जाते हैंउम्र गुज़री है इस कदर तन्हा
रात भर बोलते हैं सन्नाटेरात काटे कोई किधर तन्हा
दिन गुज़रता नहीं है लोगों मेंरात होती नहीं बसर तन्हा
हमने दरवाज़े तक तो देखा थाफिर न जाने गए किधर तन्हा
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है
लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द मेंयहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है
मैं जानता हूँ के दुश्मन भी कम नहीं लेकिनहमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है
हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त हैहमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है
जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगेकिराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है
सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी मेंकिसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है
तीरगी चांद के ज़ीने से सहर तक पहुँची
मैंने पूछा था कि ये हाथ में पत्थर क्यों हैबात जब आगे बढी़ तो मेरे सर तक पहुँची
मैं तो सोया था मगर बारहा तुझ से मिलनेजिस्म से आँख निकल कर तेरे घर तक पहुँची
तुम तो सूरज के पुजारी हो तुम्हे क्या मालुमरात किस हाल में कट-कट के सहर तक पहुँची
एक शब ऐसी भी गुजरी है खयालों में तेरेआहटें जज़्ब किये रात सहर तक पहुँची
(Teergi chaand ke zeene se sahar tak pahunchiZulf kandhe se jo sarki to kamar tak pahunchi
Maine poocha tha ki ye haath mein paththar kyon haibaat jab aage badhi to mere sar tak pahunchi
main to soya tha magar barha tujh se milnejism se aankh nikal kar tere ghar tak pahunchi
tum to suraj ke pujari ho tumhen kya maloomraat kis haal mein kat kat ke sahar tak pahunchi
Ek shab aisi bhi guzri hai khayalon mein tereAahaten jazb kiye raat sahar tak pahunchi)
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है…by akhilesh dubey
लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द मेंयहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है
मैं जानता हूँ के दुश्मन भी कम नहीं लेकिनहमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है
हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त हैहमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है
जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगेकिराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है
सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी मेंकिसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है
Best of रहीम के दोहे…
तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान।कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥2॥
दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होय॥3॥
खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर, प्रीति, मदपान।रहिमन दाबे न दबै, जानत सकल जहान॥4॥
जो रहीम ओछो बढ़ै, तौ अति ही इतराय।प्यादे सों फरजी भयो, टेढ़ो टेढ़ो जाय॥5॥
बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय।रहिमन बिगरे दूध को, मथे न माखन होय॥6॥
आब गई आदर गया, नैनन गया सनेहि।ये तीनों तब ही गये, जबहि कहा कछु देहि॥7॥
खीरा सिर ते काटिये, मलियत नमक लगाय।रहिमन करुये मुखन को, चहियत इहै सजाय॥8॥
चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बेपरवाह।जिनको कछु नहि चाहिये, वे साहन के साह॥9॥
जे गरीब पर हित करैं, हे रहीम बड़ लोग।कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग॥10॥
जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।बारे उजियारो लगे, बढ़े अँधेरो होय॥11॥
रहिमन देख बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तलवारि॥12॥
बड़े काम ओछो करै, तो न बड़ाई होय।ज्यों रहीम हनुमंत को, गिरिधर कहे न कोय॥13॥
माली आवत देख के, कलियन करे पुकारि।फूले फूले चुनि लिये, कालि हमारी बारि॥14॥
एकहि साधै सब सधै, सब साधे सब जाय।रहिमन मूलहि सींचबो, फूलहि फलहि अघाय॥15॥
रहिमन वे नर मर गये, जे कछु माँगन जाहि।उनते पहिले वे मुये, जिन मुख निकसत नाहि॥16॥
रहिमन विपदा ही भली, जो थोरे दिन होय।हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय॥17॥
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर॥18॥
रहिमन निज मन की व्यथा, मन में राखो गोय।सुनि इठलैहैं लोग सब, बाटि न लैहै कोय॥19॥
रहिमन चुप हो बैठिये, देखि दिनन के फेर।जब नीके दिन आइहैं, बनत न लगिहैं देर॥20॥
बानी ऐसी बोलिये, मन का आपा खोय।औरन को सीतल करै, आपहु सीतल होय॥21॥
मन मोती अरु दूध रस, इनकी सहज सुभाय।फट जाये तो ना मिले, कोटिन करो उपाय॥22॥
दोनों रहिमन एक से, जब लौं बोलत नाहिं।जान परत हैं काक पिक, ऋतु वसंत कै माहि॥23॥
रहिमह ओछे नरन सो, बैर भली ना प्रीत।काटे चाटे स्वान के, दोउ भाँति विपरीत॥24॥
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ परि जाय॥25॥
रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।पानी गये न ऊबरे, मोती, मानुष, चून॥26॥
वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।बाँटनवारे को लगै, ज्यौं मेंहदी को रंग॥27॥