Thursday, March 24, 2011

Zindagi yun hui basar tanha

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हाक़ाफिला साथ और सफर तन्हा
अपने साये से चौंक जाते हैंउम्र गुज़री है इस कदर तन्हा
रात भर बोलते हैं सन्नाटेरात काटे कोई किधर तन्हा
दिन गुज़रता नहीं है लोगों मेंरात होती नहीं बसर तन्हा
हमने दरवाज़े तक तो देखा थाफिर न जाने गए किधर तन्हा

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