Saturday, March 6, 2021

जवानी में अजल के वास्ते सामान कर ग़ाफ़िल मूसाफिर सबसे उठते है जब जाना दूर होता है

जवानी में अजल के वास्ते सामान कर ग़ाफ़िल मूसाफिर सबसे उठते है जब जाना दूर होता है

फिर मत कहना कुछ कर न सके जब नर तन तुम्हे निरोग मिला 
सत संगति का भी योग मिला फिर भी प्रभु कृपा अनुभब करके यदि भव सागर से तर न सके
फिर मत कहना कुछ कर न सके