Wednesday, December 22, 2021

मन से सोचे हुए कार्य को वाणी से न बताए

मनसा चिन्तितंकार्यं 
      वचसा न प्रकाशयेत्।
अन्यलक्षितकार्यस्य 
      यत: सिद्धिर्न जायते॥

*भावार्थः- मन से सोचे हुए कार्य को वाणी से न बताए एवं अपने लक्ष्य के लिए निरंतर अथक प्रयास करते रहें क्योंकि जिस कार्य पर किसी और की दृष्टि लग जाती है, वह सामान्यतः पूर्ण नहीं होता।*

Wednesday, December 15, 2021

सोलह सुखों के बारे में सुना था तो जानिये क्या हैं वो सोलह सुख

*सोलह सुखों के बारे में सुना था तो जानिये क्या हैं वो सोलह सुख*
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1 *पहला सुख निरोगी काया।*
2 *दूजा सुख घर में हो माया।*
3 *तीजा सुख कुलवंती नारी।*
4 *चौथा सुख सुत आज्ञाकारी।*

5 *पाँचवा सुख सदन हो अपना।*
6 *छट्ठा सुख सिर कोई ऋण ना।*
7 *सातवाँ सुख चले व्यापारा।*
8 *आठवाँ सुख हो सबका प्यारा।*

9 *नौवाँ सुख भाई औ' बहन हो ।*
10 *दसवाँ सुख न बैरी स्वजन हो।*
11 *ग्यारहवाँ मित्र हितैषी सच्चा।*
12 *बारहवाँ सुख पड़ौसी अच्छा।*

13 *तेरहवां सुख उत्तम हो शिक्षा।*
14 *चौदहवाँ सुख सद्गुरु से दीक्षा।*
15 *पंद्रहवाँ सुख हो साधु समागम।*
16 *सोलहवां सुख संतोष बसे मन।*

*16 सोलह सुख ये होते भाविक जन।*
*जो पावैं सोइ धन्य हो जीवन।।*

*हालांकि आज के समय में  ये सभी सुख हर किसी को   मिलना मुश्किल हैं  लेकिन इनमे से जितने भी  सुख मिले उससे खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए.*

*जय  श्री राम*