सोहर: दादी के खजाने से
कई बरस गुजर गए। पति परदेस से घर नहीं लौटा। विरह-कातर व्याहता देवर के साथ उन्हें ढूँढ़ने निकलती है पर पता भी तो नहीं मालूम ! सो एक चरित्रहीन स्त्री के वेश में वह हर गली हर मुहल्ला उन्हें ढूँढती है। अंततः कामयाब होती है। पति के साथ उसी वेश में उसके साथ रहती है और कुछ महीनों बाद गर्भ में वंश-वल्लरी सँजोये पति की कुछ निशानियाँ लेकर घर वापस लौट आती है। ..............................
पति परदेस से वापस लौटता है। व्याहता की गोंद में बच्चा देख कर उसके चरित्र पर उँगलियाँ उठाता है, फटकारता है किन्तु पत्नी जब उसे स्वयं उसकी दी हुई निशानियाँ दिखाती है तो वह पत्नी को गले लगा लेता है।
प्रस्तुत है एक काव्य गाथा !
रचना: पारंपरिक
स्वर: मानकेशरी पाण्डेय
देवकांति तिवारी
बरहे बरिस के रँगीले पिया,
अरे निकरि बिदेस गए - 2
हो मोरे देवरा केकरी टहलिया मैं लागउँ,
अरे जियरा बुझावौं हो -2
पहिरौ न मोरी भउजी झीन कपड़ा,
उतारहु न मोट कापड हो।
मोरी भउजी धरितिव हो,
बेड़िनिया कै रुपवा,
भइया क हेर लवतेंव -
भइया क हेर लवतेंव हो !!
गलिया की गली देवरा हेरैं हो,
कतहुँ नाही पावहिं हो -2
अरे राजा रखि लेता हमरी हो नोकरिया,
तलबिया नाही लेबै हो।
तलबिया नाही लेबै हो !!
आठ महिनवा के बीतत,
अरे नववें के लागत -2
हो पतुरिया अकुलानिन,
हो पतुरिया अकुलानिन।
हो मोरे राजा !
दै देता हमरी तलबिया,
घरा का अपने जाबै हो -2
दै देहु फाँड़े कै कटरिया,
गले कै मोहन-मलवा हो -2
अरे राजा !
दै देहु हाथे कै अँगुठिया,
घरा का अपने जाबै हो।
दै दिहें फाँड़े कै कटरिया हो,
गले कै मोहन-मलवा हो -2
अरे मोरे सखियाँ !
दै दिहें हाथे कै अँगुठिया,
पतुरिया घर जावैं हो -2
बरहें बरिस पियवा लौटें हो,
बरहिया तराँ उतरे हो -2
अरे माई !
यस सतवंती रनियवा,
कइसे कइसे राखिव हो -2
सासू बोलैं न, रहि गै हो,
ननद उठि बोलै हो -2
मोरे भइया !
आनै क जन्मा होरिलवा हो ,
त भउजी मोरा दुलारइँ हो -2
हथवा मा लिहे सूत पुनिया हो,
त धन तरपासहिं हो -2
मोरी धन !
साँच-साँच दिह्यू तू बताइ हो,
नाही त सर कटबै हो -2
चीन्हि लेहु फाँड़े कै कटरिया हो,
गले कै मोहन-मलवा हो -2
अरे साहेब !
चीन्हि लेहु हाथे कै अँगुठिया हो,
हमहिं फटकराहु हो -2
चूमहुँ न रानी तोर मुखवा हो,
चउर एस दँतवा हो -2
अरे रानी !
साथी हो मरदवा के बिचवा हो,
हमहिं छल लाइहु हो -2
यक कुल राखिउ तू नइहर,
दुसर कुल सासुर हो -2
मोरी धन !
राखिउ अपने हरि के पगड़िया
चउथ कुल आपन हो।
चउथ कुल आपन हो।।
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