नियम से कोई तरे ना पत्थर जीना नीचे जाय।
कुदरत के कानून में राम ना आड़े आय।।
भगवान बीच में नही आता तुम्हारे कर्म के अनुसार तुम तैरोगे या डूबोगे ये सीधा हिसाब है दुनियां में इस धरती को क्या बीज से नाता
धरती को क्या बीज से नाता जैसा बीज जो बोया जाता।
उसी स्वभाव गुण धर्म को लेकर कड़वा मीठा फल बन जाता।।
कुदरत का कानून है धरती कर्म तुम्हारे बीच।
एक बीज फल हजारों हजार के लाखों बीज।।
कहे नंदनी नही कोई जगत में नरक स्वर्ग को देने वाला।
नर्क स्वर्ग हम स्वयं रचते पल पल जैसा बीज हो डाला।।
आहार व्यवाहर विचार से हर पल बीज जो बोये।
पल पल फल बनता गया अचानक कुछ ना होई।।
कहे नंदनी जागे रहो सचेत रहो हर पल।
इस पल बोया बीज ही फल लायेगा कल।।
बहोत ही सुन्दर आयना है
जय श्री राम
No comments:
Post a Comment