ॐ कला काली महाकाली मसान काली माया का पिंड नौ दिया नौ बाती टोनही का टोना मारती आपन गुण गावती आदि वाचा छोड़ परमेश्वरी इन्द्र के ताड़े ताँबे की टोकरी रोग दोस भूत को झारो जय कामरु कामाख्या भगवती की दुहाई।
इतना पढ़ने के बाद विभूति मार दो।
7 बार या 11 बार फूंक मारने है।
और दीवाली और सूर्य एवं चंद्र ग्रहण पर जगा ले 7, 11, 108 या 1008 बार पैड कर।
No comments:
Post a Comment